प्याज की कीमतों में तेजी से आई ‎गिरावट

देश की सबसे बड़ी प्याज के होलसेल बाजार लासलगांव में बड़े स्तर पर फसल आने की वजह से प्याज की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है। ‎पिछले ‎दिनों बाजार में 18,000 क्विंटल प्याज पहुंचने के चलते दाम 2250 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इसके चलते प्याज उत्पादक किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं और उन्होंने सरकार से गिरती कीमतों को थामने के लिए कोई कदम उठाने की मांग की है। प्याज उत्पादकों ने सरकार से स्टॉक की लिमिट खत्म करने और निर्यात पर लगे रोक को हटाने की मांग की है।


गौरतलब है ‎कि सरकार ने सितम्बर, 2019 से दिसम्बर, 2019 के दौरान प्याज के दामों में तेज इजाफे को रोकने के लिए स्टॉक की लिमिट तय करने के साथ ही निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के लासलगांव की प्याज मंडी में दिसम्बर में ही 8625 रुपए क्विंटल तक प्याज की खरीद हुई थी लेकिन अब जब नई फसल आई है तो किसानों को उनकी उपज का महज 2250 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही रेट मिल रहा है। लोकसभा सांसद भारती पवार ने भी कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह


तोमर को पत्र लिखकर प्याज के ‎‎निर्यात से रोक हटाने की मांग की है। 
कारोबारियों का कहना है कि अब भारत में प्याज की फसल आनी शुरू हो गई है इसलिए ग्राहक विदेशी प्याज की बजाय देसी फसल को ही तवज्जो दे रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि आयातित प्याज का स्वाद भी घरेलू प्याज की तुलना में अलग है। इसके कारण कई राज्यों ने आयातित प्याज के ठेके रद्द कर दिए थे। बीते वर्ष के फसल सीजन में प्याज की फसल हजारों किसानों के जीवन में खुशहाली ले आई। प्याज के थोक भाव कुछ दिनों के लिए तो 100 रुपए प्रति किलो तक हो गए।


 


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